कांग्रेस प्रत्याशी के लगातार कुलदीप बिश्नोई पर हमले करने और आदमपुर की बदहाली के लिए उन्हें जिम्मेदार बताने तथा हर सवाल का सटीक जवाब देने से उठा कांग्रेस का चुनाव

जन सरोकार ब्यूरो।
आदमपुर।
उप चुनाव की घोषणा होने से पहले तक राजनीति के जानकारी मान रहे थे कि आदमपुर के गढ़ को जीतना तो दूर की बात, कोई भजनलाल परिवार को टक्कर भी नहीं दे पाएगा। लेकिन राजनीति के मंजे हुए खिलाड़ी माने जाने वाले जयप्रकाश ने जिस प्रकार के मुद्दे उठाकर चुनाव को उठाया उसने अकेले कुलदीप बिश्नोई ही नहीं बल्कि भारतीय जनता पार्टी की चिंता भी बढ़ा दी है। कांग्रेस प्रत्याशी हर सभा में और मीडिया के सामने लगातार कुलदीप बिश्नोई को मंदबुद्धि, राजनीतिक नासमझी का शिकार बताकर आदमपुर की बदहाली के लिए उन्हें जिम्मेदार ठहरा रहे हैं।
इतना ही नहीं, जयप्रकाश ने इस उपचुनाव में कुलदीप बिश्नोई के कांग्रेस छोड़ने को भी दो ऐसे मुद्दों से जोड़ दिया है जिसका कुलदीप बिश्नोई से जवाब देते नहीं बन रहा है। बात करते हैं पहले मुद्दे की, जयप्रकाश लगातार अपनी जनसभाओं में इस बात कर जिक्र कर कुलदीप पर हमला कर रहे हैं कि कांग्रेस पार्टी ने दलित नेता उदयभान को प्रदेशाध्यक्ष बना दिया इसलिए कुलदीप बिश्नोई ने कांग्रेस पार्टी छोड़ दी क्योंकि वह दलित विरोधी हैं, इतना ही नहीं जयप्रकाश के साथ खुद उदयभान भी यह कहने से गुरेज नहीं कर रहे हैं और यह भी बताते हैं कि उनका और उनके परिवार का राजनीति में इतिहास क्या है और उन्होंने कब-कब और कहां चौधरी भजनलाल की मदद की थी।
कुलदीप बिश्नोई बार-बार सफाई देने के बाद भी जेपी और उदयभान द्वारा उठाए जा रहे इस मुद्दे को काउंटर नहीं कर पा रहे हैं। इसके अलावा कुलदीप बिश्नोई के खिलाफ दूसरा मुद्दा जेपी ने उठाया हुआ है आदमपुर की बदहाली के जिम्मेदार और ईडी से डर का।
जेपी कहते है कि कुलदीप बिश्नोई ने कभी आदमपुर की सुध नहीं ली और ना ही लोगों के हकों का आवाज कभी किसी भी प्लेटफार्म पर उठाई इसलिए अब आदमपुर की जनता उन्हें सबक सिखाने का मन बना चुकी है। इतना ही नहीं जेपी यह भी कहते हैं कि कुलदीप का विदेश में बिजनेस है तथा भाजपा ने ईडी का डर दिखाकर इसे अपनी पार्टी में आने को मजबूर किया है इसलिए कुलदीप बिश्नोई आदमपुर के हित के लिए नहीं बल्कि अपने स्वार्थ के लिए भाजपा में शामिल हुए हैं तथा आदमपुर को उपचुनाव में धकेलने का काम किया है।
कांग्रेस प्रत्याशी द्वारा लगातार कुलदीप बिश्नोई पर किए जा रहे हमलों से आज स्थिति यह है कि जेपी ने अपनी और कांग्रेस की पॉजिशन को इस उपचुनाव में इतना सुधार दिया है कि अब कांग्रेस भव्य बिश्नोई से सीधे मुकाबले में आकर खड़ी है। अब देखना होगा कि आदमपुर की जनता जेपी की बातों का भरोसा करती है या कुलदीप बिश्नोई की “चुप्पी” का।लेकिन, यह बात तय है कि 3 नवंबर को होने वाली वोटिंग से पहले अब हर घंटे चुनावी समीकरण बदलेंगे।